टूथपेस्ट में बदल कर आते हैं वे घरों में आँखों के रास्ते उतरते हैं खून में तुतलाहट के साथ पैदा होते हैं नई नस्ल में जहाँ नहीं पहुँचते उनके फौजी दस्ते उनके गीत गाते हैं बच्चे
हिंदी समय में संजय चतुर्वेदी की रचनाएँ